कोरोना वायरस ने दुनियाभर में कई परिवारों की खुशियां उजाड़ दी हैं। पल-पल ये वायरस लोगों की जिंदगी निगल रहा है इसके बाद भी कुछ लोगों को ये लगता है कि वायरस मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। मैं शैरॉन कुक (43) लिंकनशायर में रहती हूं। वायरस से बचाव के लिए सभी इंतजाम किए थे लेकिन मैं कब और कैसे इसकी चपेट में आई गई मुझे नहीं पता। हां ये है कि मैं अब 11 दिन से अस्पताल के बेड पर जिंदगी और मौत से जूझ रही हूं। अस्पताल के बेड पर लेटी हूं और असहनीय दर्द से गुजर रही हूं।
सांस लेने में भयानक तकलीफ हो रही है। मेरी आंखों में आंसू हैं फिर भी रोते हुए मैं आपके लिए ये वीडियो बना रही हूं ताकि मेरे दर्द को महूसर कर सकें और लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने की गलती न करें।
मुझे सेप्सिस निमोनिया हो गया है और भयानक पीड़ा से गुजर रही हूं लेकिन फिर भी पहले से अच्छा महूसस कर रही हूं। आप घर में ही रहें जब तक वायरस का आतंक खत्म नहीं हो जाता क्योंकि ये कभी भी किसी को अपनी चपेट में ले सकता है।
आपबीती : अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही हूं... गुजारिश है-आप घर पर ही रहें